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    Cardiorespiratory Arrest: सुब्रत रॉय की मौत की बीमारी की पहचान कर सकते हैं

    Cardiorespiratory Arrest Meaning

    Cardiorespiratory Arrest: सहारा ग्रुप के मालिक सुब्रत रॉय का मंगलवार रात 10 बजे मुंबई के एक हॉस्पिटल में कार्डियोरेस्पिरेटरी अरेस्ट से निधन हो गया।

    सहारा ग्रुप के मालिक सुब्रत रॉय ने मंगलवार 14 नवंबर को मुंबई के एक हॉस्पिटल में अपनी अंतिम सांस ली। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार सुब्रत रॉय एक लंबी बीमारी से पीड़ित थे। उनकी उम्र 75 वर्ष थी। सहारा ग्रुप ने कहा कि सुब्रत रॉय की बीपी और शुगर बढ़ने से उनकी तबीयत बहुत खराब हो गई थी। इसके बाद उन्हें हॉस्पिटल में कार्डियोरेस्पिरेटरी अरेस्ट से मृत्यु हो गई। रविवार से उनकी तबीयत खराब हो गई थी, इसलिए उन्हें मुंबई के कोकिलाबेन धीरुभाई अंबानी हॉस्पिटल और मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट में एडिमट कर दिया गया।

    सुब्रत रॉय का निधन कार्डियोरेस्पिरेटरी अरेस्ट से हुआ

    सोशल मीडिया पर कई प्रश्न उठाए जा रहे हैं जब से सहारा ग्रुप के संस्थापक सुब्रत रॉय की मौत कार्डियोरेस्पिरेटरी अरेस्ट से हुई है। दरअसल, शब्दों कार्डियोरेस्पिरेटरी अरेस्ट और कार्डियोपल्मोनरी अरेस्ट अक्सर एक दूसरे को बताते हैं। दिल और फेफड़ों के फंक्शन का अचानक बंद होना इसका अर्थ है कि कार्डियोरेस्पिरेटरी अरेस्ट सांस और ब्लड सर्कुलेशन को रोकता है। दोनों ही मामलों में, यह एक खतरनाक स्थिति है जिसमें वक्त रहते ध्यान नहीं दिया गया तो जान भी जा सकती है।

    कार्डियोरेस्पिरेटरी अरेस्ट लंग्स और दिल के फंक्शन बंद होने से होता है

    कार्डियोरेस्पिरेटरी अरेस्ट लंग्स और दिल के फंक्शन रुक जाते हैं। यह स्थिति अक्सर हृदय की प्रणाली में समस्याओं से होती है, जो अक्सर हृदय के काम करने में बाधा डालती है। जब हृदय की धड़कन बंद हो जाती है शरीर को ऑक्सीजन नहीं मिल पाता, जो बाद में खतरनाक हो जाता है। ब्लड सर्कुलेशन के माध्यम से शरीर की हर कोशिका में ऑक्सीजन पहुंचता है. जब ब्लड सर्कुलेशन फेल हो जाता है, तो अंगों और कोशिकाओं में ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में नहीं पहुंच पाता, जिसके परिणामस्वरूप अंगों और कोशिकाओं का कार्य बंद हो जाता है।

    कार्डियोरेस्पिरेटरी अरेस्ट की उत्पत्ति और प्रक्रिया

    कार्डियोपल्मोनरी अरेस्ट का उपचार और कारण जानना महत्वपूर्ण है। कार्डियोपल्मोनरी अरेस्ट में फेफड़े और हृदय दोनों का काम अचानक बंद हो जाता है। हम भी कार्डियोपल्मोनरी अरेस्ट और हार्ट अटैक को अलग कर सकते हैं। कार्डियक अरेस्ट (हृदय के एक हिस्से में रक्त प्रवाह की अवरुद्धता) दिल के दौरे से अलग है। दिल का दौरा और अचानक कार्डियक अरेस्ट बहुत अलग हैं। दिल का दौरा अक्सर रक्त प्रवाह में कमी या रुकावट के साथ पाइपलाइन संबंधी समस्याओं से पीड़ित होता है। कार्डिएक अरेस्ट होता है जब दिल ठीक से काम नहीं करता, यानि दिल को पर्याप्त ब्लड नहीं मिलता, जिससे शरीर में ऑक्सीजन की कमी होती है।

    अक्सर अचानक कार्डियक अरेस्ट से मौत होती है अगर तुरंत इलाज नहीं किया जाता। इसलिए इसका तुरंत इलाजा करना बहुत महत्वपूर्ण है। CPR (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) डिफाइब्रिलेटर का उपयोग करके या केवल छाती पर दबाव देकर आपातकालीन सेवाओं के आने तक जीवित रहने की संभावना बढ़ा सकते हैं। कार्डियक अरेस्ट के कई कारण हैं, जो बिना इलाज के मौत का कारण बन सकते हैं। कार्डियक अरेस्ट के लक्षण कभी-कभी पहचान में नहीं आते, हालांकि बीमारी का इलाज संभव है। इन सबके अलावा, कार्डियक अरेस्ट हृदय रोग का सबसे आम कारण है।

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