Chikungunya Vaccine: संक्रमित मच्छरों के काटने से चिकनगुनिया की बीमारी लोगों में तेजी से फैलती है। पिछले 15 वर्षों में चिकनगुनिया के 5 मिलियन से अधिक मामले सामने आए हैं। यह अमेरिका, दक्षिण पूर्व एशिया और अफ्रीका में सबसे खतरनाक है। हम खुश हैं कि चिकनगुनिया का पहला वैक्सीन अब उपलब्ध है।
चिकनगुनिया भारत, अमेरिका और अफ्रीका सहित कई देशों में विश्व स्वास्थ्य पर खतरा बनता जा रहा है। चिकनगुनिया हर साल लाखों लोगों को मार डालता है। अमेरिका के स्वास्थ्य अधिकारियों ने चिकनगुनिया का पहला वैक्सीन मंजूर किया है, हालांकि अभी तक चिकनगुनिया का कोई दवा या वैक्सीन नहीं था। AFP की रिपोर्ट के अनुसार, यूरोप के वलनेवा ने ये वैक्सीन बनाया है, जो Ixchiq नाम से बेचा जाएगा।
किसे लगेगा चिकनगुनिया का वैक्सीन
18 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए चिकनगुनिया का वैक्सीन अभी उपलब्ध नहीं है। इस उम्र में संक्रमण का खतरा सबसे अधिक है। अमेरिकी ड्रग रेगुलेटर से अनुमति मिलने के बाद प्रभावित देशों में वैक्सीन जल्द ही उपलब्ध होगी। वायरस की सबसे बड़ी आबादी वाले देशों में पहले वैक्सीन का प्रसार होगा। वैक्सीन सिर्फ एक बार दिया जाएगा।
कितनी देर तक चिकनगुनिया वैक्सीन काम करेगा?
वैक्सीन में जीवित लेकिन कमजोर चिकनगुनिया वायरस होता है, जो शरीर में इस बीमारी के प्रति एंटीबॉडीज बनाता है। इससे शरीर संक्रमण को पराजित करने और अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में मदद मिलती है। शरीर इस बीमारी को आसानी से पहचान लेगा।
3,500 लोगों पर हुआ वैक्सीन का ट्रायल
उत्तरी अमेरिका में इस वैक्सीन के दो क्लिनिकल ट्रायल करीब 3,500 लोगों पर किए गए हैं। जिसमें ये वैक्सीन चिकनगुनिया का खतरा कम करते हैं। वैक्सीन के कुछ हल्के साइड इफेक्ट्स में सिर दर्द, थकान, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, बुखार और मतली शामिल थे।
चिकनगुनिया के लक्षण
- अचानक तेज़ बुखार आना
- जोड़ों का दर्द
- सिरदर्द
- आंख आना
- त्वचा पर खरोंच